TOP LATEST FIVE HINDI KAHANI LEKHAN URBAN NEWS

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hindi kahani short

वहां पहुचकर वह बोला- स्वामी मैंने कहा था वही हुआ, आपकों आता देखकर अपने दुर्ग में छिप गया हैं, आइये आपकों उसकी सूरत दिखा देता हु, ” जरुर मै उस नीच को देखकर दुर्ग में ही उससे लडुगा.

इसका अर्थ यही हुआ न कि चोरी करना व्यर्थ है”

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी और छात्र गुरुकुल में ही रहकर पढ़ते थे. उन्हीं दिनों की बात है.

बच्चों के लिए प्रेरक और प्रेरणादायक लघु कथाएं

एक स्थान पर उसे कुआ दिखाई दिया, उसे देखकर मन में एक विचार आया,

मंत्री ने सभी को हल कर दिया. राजा ने यह सोचकर कि इस राजा को हराना कठिन हैं अपनी सेनाएं हटा ली.

इस प्रकार ऊपर की सब बातचीत तथा भोजन करने में दो घंटे लग गये.

सभी ने अपनी अपनी बुद्धि लगाई पर इस समस्या का कोई हल न कर सका.

इसी उद्देश्य से उन्होंने द्वारपालों को बिना उनके आने की सूचना दिए सीधे अपनी पत्नी के सामने जाकर हाजिर हुआ,

राजा ने मंत्री को अपना आधा राज्य भी दे दिया. इसके बाद भी राजा ने उसे बहुत सारी चल अचल सम्पति दी.

यह थी इनकी विशेषता. इन्होने बुद्धि से काम लिया, सूझ बुझ दिखाई.

कोहनी नही मुडनी चाहिए. भोजन भी नही बचना चाहिए, प्रजापति की आज्ञा का पालन भी होना चाहिए.

ग्वाले ने कहा- ”मै तो नौकर हु, इससे अधिक देना मेरे हाथ की बात नही, लेनी हो तो एक बढ़िया गाय ले लो.

कुरज की यह करुण विनती सुनकर उदरे का ह्रदय फट सा गया. उसकी आँखों में आंसू छलछला से गये. खेत के लोभी मालिक पर उसे बहुत गुस्सा आया,फिर भी उसने संयत स्वर में उससे विनती की- यदि तू इस कुरज को छोड़ दे तो मै तुम्हे एक सोने की माला दूंगा. पुरे एक सौ आठ मनको की.

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